Thursday, June 28, 2018

तुलसी

यूं तो मनमोहक फूल नहीं लगते.
ना ही उसमें इत्र सी सुंगध तो 
क्या हुआ.

तन में मन प्राणवायु सी बहती
सुंगध चारो दिशाओं 
को पवित्र है करती.

संजीवनी बूटी सी 
काम करती है वो.
घर आंगन में पूजी जाती हैं,
देवालय में अर्पित की जा 
है वो.

कभी औषधी बन जाती है.
तो पंचामृत की अमरता बढ़ाती है.
हरा सौंदर्य
लिए तुलसी 
हर घर आंगन 
में ममता है बिखेरती.

शिल्पा रोंघे


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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।