तेरी आसमान को छूती बेपनाह ख़्वाहिशों
का रोड़ा ना बनूं कहीं मैं.
मेरी आंखों की नमी से धूल ना जाएं
स्याही सी चाहते तेरी.
मेरी मजबूरियां कहीं छिन ना ले
खुशियां तेरी.
बस इसी डर ने मुझे
उस मंजिल तक आने से रोक
दिया, जहां बसती थी
सुनहरी तमन्नाएं तेरी
शिल्पा रोंघे
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