Tuesday, June 5, 2018

एक कविता पुरुष पर

ना बहुत सुंदर होना,
ना बहुत धनवान होना,
ना बहुत शक्तिशाली होना,
ना बहुत रौबदार होना,
ना बहुत वैभवशाली होना,
ना बहुत संपत्तिवान होना,
ना बहुत प्रतिभाशाली होना,
एक सच्चे पुरुष की पहचान हैं,
स्त्री के संरक्षण को अपना 
कर्तव्य समझे वहीं पुरुष 
सबसे ज्यादा रूपवान है.
साहस, वीरता और शालीनता 
ही एक सभ्य पुरूष के गुण हैं.

शिल्पा रोंघे

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