Thursday, June 27, 2019

फलों का राजा



कहने को आम हूं,
लेकिन स्वाद में मीठा, रसीला 
और ख़ास हूं.

कच्चा हरा हो तो कैरी 
हूं, पना बनकर गर्मी 
का हरण कर लेता हूं.

पका और पीला हो तो 
आम हूं, आमरस बनकर 
मन को भाता हूं.

घर हो या दुकान 
हर जगह है मांग मेरी.

हर उम्र के लोगों का
प्रिय हूं.

मैं फलों का राजा 
कहलाता हूं, आम के आम गुठलियों 
के दाम यूं नहीं कहते लोग.

शिल्पा रोंघे 

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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।