फिर हुआ
बूंदों का मिट्टी से संगम.
क्या शहर में आने वाला है प्यार का
मौसम ?
कि जैसे ठंडी हवा ने बादल से कहकर
भेजा हो सौंधी मिट्टी से महकता
कोई प्रेमपत्र.
कड़ककती बिजली जैसे दे रही
हिदायत कि पैर जमीं पर
संभाल कर रख.
ये बारिश ठंडक भी देती है
और काले काले छींटे भी.
शिल्पा रोंघे
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