Tuesday, June 4, 2019

सवाल

हर रोज चलते चलते हरी घास पर.
हर रोज लेते हुए महक फूलों की. 
कुछ यूं दोस्ती उसकी कुदरत से हो गई,
कि चुभते हुए कांटे ने भी पूछ लिया 
कहीं तुम्हें दर्द तो नहीं हुआ.

शिल्पा रोंघे 

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