Thursday, June 13, 2019

पहली बारिश

बारिश की पहली बूंद 
महज एक बूंद 
नहीं.

वो आस है 
प्यासी नदियों और कुओं 
की.

वो हरी भरी सी मुस्कान है
पीले से पड़ चुके पत्तों 
की.

वो छोटी सी नदी है 
नन्ही नावों की.

वो अमृत है आसमान
ताकते किसान के लिए.

बेमतलब ही नाचते नहीं 
मोर जंगल में बादलों 
को देखकर.

समझो तो जीवन का शुभारंभ 
है बरसात.
नहीं तो सिर्फ बेवक्त 
भीगो देने वाला पानी.

शिल्पा रोंघे 

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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।