प्राणवायु का संचार करते है
हरियाली का विस्तार करते है.
प्रदूषण का जहर भी नीलकंठ
सा पीते है.
खट्टे मीठे स्वाद भरे फल देते है.
फूल सुगंध फैलाते है.
पत्ते इनके बनकर
औषधि रोग हर लेते है.
गुजरे जो राह से तब
छांव के छाते तले धूप को रोक
लेते है.
अनेक छत्तें और घौंसले
डाली पर इसकी शरण
पाते है.
पेड़ प्रकृति की भेंट है अनमोल
जो सिर्फ देना जानते है लेना नहीं.
"चिपको आंदोलन" की प्रेरणा
सारे संसार में फैलाओं.
कट ना पाए वन, छट ना पाए पेड़
ऐसी पर्यावरण प्रेम की अलख जगाओ.
शिल्पा रोंघे
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