लहू का रंग बस लाल होता है
चाहे हो किसी का भी.
उससे ज्यादा बेशकीमती कुछ नहीं होता है.
सबकी रगों में एक ही रंग का लहू दौड़ता है.
वो ना हरा होता है ना भगवा होता है
वो सिर्फ लाल होता है.
लहू ही नया जीवन देता है.
लहू भेद कहां करता है.
लहू ही तो एकता का प्रतीक होता है.
शिल्पा रोंघे
चाहे हो किसी का भी.
उससे ज्यादा बेशकीमती कुछ नहीं होता है.
सबकी रगों में एक ही रंग का लहू दौड़ता है.
वो ना हरा होता है ना भगवा होता है
वो सिर्फ लाल होता है.
लहू ही नया जीवन देता है.
लहू भेद कहां करता है.
लहू ही तो एकता का प्रतीक होता है.
शिल्पा रोंघे
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