Monday, April 23, 2018

तमन्ना

जीतने और इतिहास रचने की कोई तमन्ना नहीं है.
सुना है खुद से ही हार जाते है दुनिया जीतने वाले.

शिल्पा रोंघे

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...