कलम सिर्फ "कविता" और "कहानी"
की रचना तक सीमित नहीं .
कलम गुलामी से स्वतंत्रता
के काल तक क्रांति का प्रतीक है रही.
कलम शांति और अमन की सूचक है रही.
कलम अधिकारों की रक्षक.
तो कभी सकारात्मक आलोचना की सूचक है
रही.
कलम विकास की पैरोकार है रही.
ना इसका कोई भार है ना ज्यादा कोई मोल है.
उठाना है तो सिर्फ कलम उठाना
क्योंकि विचारों की अभिव्यक्ति हर
इंसान का अधिकार है.
शिल्पा रोंघे
की रचना तक सीमित नहीं .
कलम गुलामी से स्वतंत्रता
के काल तक क्रांति का प्रतीक है रही.
कलम शांति और अमन की सूचक है रही.
कलम अधिकारों की रक्षक.
तो कभी सकारात्मक आलोचना की सूचक है
रही.
कलम विकास की पैरोकार है रही.
ना इसका कोई भार है ना ज्यादा कोई मोल है.
उठाना है तो सिर्फ कलम उठाना
क्योंकि विचारों की अभिव्यक्ति हर
इंसान का अधिकार है.
शिल्पा रोंघे
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