Sunday, April 1, 2018

उम्मीदों के चिराग

अक्सर इश्क में होता है यूं भी जो जलाता है
उम्मीद के चिराग़
वो ही उसे बुझा भी देता है.
होनी के इसी खेल को ही तो मिलना और बिछड़ना कहते है.

शिल्पा रोंघे

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