पाषाणयुग से वर्तमान तक
मनुष्य ने लिखी विकास की
अनोखी कहानी.
कटे जंगल,
सूखे ताल,
जंगली जानवर बन गए कहानियों का हिस्सा.
गमलों में लगे फूलों, बोतल बंद पानी, और चिड़ियाघर
को देखकर जी रहे है.
अब बच्चे भी बड़ों से पूछ रहे हैं कि
जंगल, ताल, और जानवर क्या सचमुच कभी
धरती का हिस्सा रहे हैं ?
शिल्पा रोंघे
मनुष्य ने लिखी विकास की
अनोखी कहानी.
कटे जंगल,
सूखे ताल,
जंगली जानवर बन गए कहानियों का हिस्सा.
गमलों में लगे फूलों, बोतल बंद पानी, और चिड़ियाघर
को देखकर जी रहे है.
अब बच्चे भी बड़ों से पूछ रहे हैं कि
जंगल, ताल, और जानवर क्या सचमुच कभी
धरती का हिस्सा रहे हैं ?
शिल्पा रोंघे
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