Sunday, October 14, 2018

बंद कर गलतफ़हमियों के जाले

तेरी बेरूखी के आगे भी बारिश है.
तेरे बनाएं अंधेरे रास्तों के आगे भी
उजाले की मंजिले है.
मुझे खुशकिस्मत कहने वाले
अब बंद भी कर बुनना
गलतफहमियों के जालें.

शिल्पा रोंघे 

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