वर्ल्ड स्माइल डे के मौके पर (5 अक्टूबर)
किसी की मुस्कान की वज़ह बनो ना बनो,
लेकिन उदास होने का मौका मत देना
काश हो ऐसा हर शख़्स खुलकर
मुस्कुरा सके कि शहर फूलों से नहीं
हंसी से खिला खिला सा लगे.
शिल्पा रोंघे
किसी की मुस्कान की वज़ह बनो ना बनो,
लेकिन उदास होने का मौका मत देना
काश हो ऐसा हर शख़्स खुलकर
मुस्कुरा सके कि शहर फूलों से नहीं
हंसी से खिला खिला सा लगे.
शिल्पा रोंघे
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