Sunday, October 21, 2018

मन का रंग ?

जैसे सिर्फ आवरण देखकर किताब की समीक्षा
करना नामुमकिन है.
ठीक उसी तरह मुश्किल काम
है रंग रूप देखकर व्यक्तित्व
का अंदाज़ा लगाना.
मन का रंग दिखाई नहीं देता
बस महसूस होता है.

शिल्पा रोंघे



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