कभी लगता है प्यार चांद
होता है.
सीढ़ी लगाकर पहुंचा
जा सके, ये काम ज़रा
नामुमकिन लगता है.
कभी पानी के बुलबुले
सा लगता है.
हो जाएगा छूते ही गायब
ऐसा अफ़साना लगता है.
सच कहुं तो ना समझ में आने
वाली एक भूल भुलैया लगता है.
कभी हकीकत तो कभी
सिर्फ अधूरा सा ख़्वाब लगता है.
शिल्पा रोंघे
होता है.
सीढ़ी लगाकर पहुंचा
जा सके, ये काम ज़रा
नामुमकिन लगता है.
कभी पानी के बुलबुले
सा लगता है.
हो जाएगा छूते ही गायब
ऐसा अफ़साना लगता है.
सच कहुं तो ना समझ में आने
वाली एक भूल भुलैया लगता है.
कभी हकीकत तो कभी
सिर्फ अधूरा सा ख़्वाब लगता है.
शिल्पा रोंघे