माना कि सपनों से कम सुहानी होती
है हकीकत.
मगर बंद आंखों से ज्यादा यकीन
खुली आंखों पर ही आता है.
मर्ज़ को कर दे ठीक तब मिठास से ज्यादा
कड़वी दवा का स्वाद भी भाता है.
शिल्पा रोंघे
है हकीकत.
मगर बंद आंखों से ज्यादा यकीन
खुली आंखों पर ही आता है.
मर्ज़ को कर दे ठीक तब मिठास से ज्यादा
कड़वी दवा का स्वाद भी भाता है.
शिल्पा रोंघे
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