कलम कहां पर्दा करती है.
तू खुद ही लिख अपने अधिकारों की कहानी.
दे किसी और के हाथों में अपने जीवन की डोर
ऐसी कठपुतली नहीं, तू है आज की नारी.
अपने जीवन की बागडोर तू अपने ही हाथों
में रख, बन ऐसी साहसी नारी.
शिल्पा रोंघे
तू खुद ही लिख अपने अधिकारों की कहानी.
दे किसी और के हाथों में अपने जीवन की डोर
ऐसी कठपुतली नहीं, तू है आज की नारी.
अपने जीवन की बागडोर तू अपने ही हाथों
में रख, बन ऐसी साहसी नारी.
शिल्पा रोंघे
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