Monday, May 7, 2018

प्रेम मजबूरी नहीं

कुछ लोग "मजबूरी"को प्रेम का नाम देते हैं.
कुछ लोग प्रेम के आगे "मजबूर" हो जाते हैं.
फर्क बस लफ़्जों की हेरा फेरी का है.
कुछ लोग बोझ समझकर रिश्ता निभाते है.
तो कुछ लोग खुशी खुशी अपना सुकून कुर्बान
कर देते हैं.

शिल्पा रोंघे

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