Friday, May 11, 2018

रिश्तों का सफ़र

जो मंजिल की खोज करने
लगा आए दुनिया का चक्कर
वो फिर उसी मुकाम पर पहुंच
गए.

जिंदगी  का सफ़र  भी होता है कुछ यूं ही.
रिश्तों की पकड़ होती है मजबूत इतनी
बिखरते है, मगर छूटते  कहां  है आसानी
से.

शिल्पा रोंघे

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