दूसरों के "सम्मान" को ठेस पहुंचाने
वाला खुद की नज़रों से काफी पहले
ही गिर चुका होता है.
इसलिए शायद उसे इस शब्द का
महत्व ही नहीं पता होता है.
ऐसे व्यक्ति से सभ्य व्यवहार की
अपेक्षा करना ही बेकार है.
शिल्पा रोंघे
वाला खुद की नज़रों से काफी पहले
ही गिर चुका होता है.
इसलिए शायद उसे इस शब्द का
महत्व ही नहीं पता होता है.
ऐसे व्यक्ति से सभ्य व्यवहार की
अपेक्षा करना ही बेकार है.
शिल्पा रोंघे
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