Friday, May 18, 2018

परिणय आत्मिक मिलन है

सात फेरे, सात वचन
दो इंसानों को एक ही
छत के नीचे रहने को
बाध्य कर सकते है.

वास्तव में परिणय
दो शरीरों का नहीं
दो आत्माओं का है मिलन

आत्मिक बंधनों को विकसित
होने के लिए केवल खुला आकाश चाहिए.

रीति रिवाज की दीवारे तो सिर्फ
दो परिवारों और व्यक्तियों को बांध कर रख सकती हैं.

शिल्पा रोंघे






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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।