सीता को पढ़ती है ,
लेकिन वनवास, अपहरण,
और परित्याग की कल्पना से कोसो दूर रहना चाहती है
आज की नारी.
मोहन और राधा को पढ़ती है,
लेकिन अधूरे से रह गए प्रेम की बजाए, पूरे प्रेम में
या बिना प्रेम के ही रहना चाहे आज की नारी.
सीता और राधा की पूजा करती नारी
लेकिन खुद ही खुद की प्रेरणा बनना चाहती है आज की
नारी.
शिल्पा रोंघे
लेकिन वनवास, अपहरण,
और परित्याग की कल्पना से कोसो दूर रहना चाहती है
आज की नारी.
मोहन और राधा को पढ़ती है,
लेकिन अधूरे से रह गए प्रेम की बजाए, पूरे प्रेम में
या बिना प्रेम के ही रहना चाहे आज की नारी.
सीता और राधा की पूजा करती नारी
लेकिन खुद ही खुद की प्रेरणा बनना चाहती है आज की
नारी.
शिल्पा रोंघे
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