Monday, May 7, 2018

आज की नारी

सीता को पढ़ती है ,
लेकिन वनवास, अपहरण,
और परित्याग की कल्पना से कोसो दूर रहना चाहती है
आज की नारी.

मोहन और राधा को पढ़ती है,
लेकिन अधूरे से रह गए प्रेम की बजाए, पूरे प्रेम में
या बिना प्रेम के ही रहना चाहे आज की नारी.

सीता और राधा की पूजा करती नारी
लेकिन खुद ही खुद की प्रेरणा बनना चाहती है आज की
नारी.

शिल्पा रोंघे

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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।