मैंने जब से देखा है रंग तेरा सांवला,
मेरा बैरागी मन अनुरागी हुआ।
सुनकर तेरी बासुंरी की मधुर धुन
तेरे ही विचारों में मन मग्न
मेरा हुआ।
भूल गई मैं सुध बुध,
कुछ इस तरह प्रभाव तेरी छवि
का मेरे मन मंदिर में अंकित हुआ।
शिल्पा रोंघे
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