Friday, April 17, 2020

वक्त वक्त की बात


बदल जाती है पसंद भी वक्त के साथ।
लगती थी जो चीज़े अच्छी, वो अब भाती नहीं है, करते थे जिनको नज़रअंदाज़
अब उसकी ही कमी खलने लगी है।
शिल्पा रोंघे

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