रिश्तों की कूटनीति....
एक लड़का: जब मैं एक
लड़की के पास रिश्ता लेकर गया तो....
लड़की: मैं नहीं कोई और
सही
सबके लिए कोई ना कोई बना है।
लड़का: अरे कुछ नया सुना, हर लड़की के मुंह से
यही डायलॉग सुन सुनकर बोर हो गया हूं।
शिल्पा रोंघे
I like to write Hindi poetry in comprehensive language, which try to depict different situation and state of mind of human beings. All Rights reserved ©Shilpa Ronghe
देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस फिर से, ...
No comments:
Post a Comment