Friday, April 24, 2020

संकीर्ण सोच का कोई इलाज़ नहीं...

स्वंय ने हमेशा इधर उधर से
सामग्री को लिया और साझा किया।
खुद से लिखने का प्रयास
कभी नहीं किया और
मौलिक रचनाकारों पर
इल्ज़ाम मढ़ दिया आखिर
तुमने क्या किया ?
शिल्पा रोंघे

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