Thursday, April 23, 2020

इस दौर का मर्ज़


मर्ज़ वालों से दूरी बेशक बनाओ।
लेकिन नफ़रत ना करो, हमदर्दी  और दुआएं भी काम आती है सेहतमंद बनाने में।

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...