Monday, April 27, 2020

बैमौसम बारिश


जब कभी कड़कती है बिन मौसम ही दामिनी,
ग्रीष्म ऋतु में मेघ अपनी ठंडी बूंदों से यूं चकित कर देते है,
जैसे कि बुखार से तप रही भूमि के माथे पर ठंडी पट्टी रख गया हो कोई।
शिल्पा रोंघे

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मेघा

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