Sunday, April 12, 2020

लड़कियों के ख़्वाब

अक्सर लड़कियां अपने ख़्वाबों
के जहाज़ को यथार्थ के
समुंदर में नहीं चाहती उतारना,
क्योंकि वो उन्हें टायटैनिक बनते नहीं
देखना चाहती।         
कल्पनालोक की छोटी सी
नदी ही होती है काफी उनके लिए।

शिल्पा रोंघे




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