Thursday, April 23, 2020

लॉकडाउन गुजरने के बाद का नज़ारा ऐसा होगा....



जब ये कैद ख़त्म होगी,
यकीनन इक नई शुरुआत होगी।
फिर नदियों के नीले शीशे में
साफ साफ दिखेगी परछाई इंसान की।
फिर सांसों को तरोताजा करने
वाली मतवाली हवा चलेगी।
पीपल के खड़खड़ाते पत्ते
और पौधों के अकुंर
मिसाल देंगे ज़िंदगी की नई
शुरुआत की।
फिर मुंडेरों पर बैठे कौवे
महसूस कर लेंगे
आहट इंसानी कदमों की।
सूरज मुस्कुराएगा
चांद चांदनी बिखेरेगा हमेशा की ही तरह,
लेकिन नज़ारा बदला बदला सा होगा ज़रुर.
चाहे हो कुछ दिन के लिए,
इस बदली फ़िज़ा और धरती के
खिले खिले रुप का दीदार तो होगा.
शिल्पा रोंघे



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