कहते है लोग
गुलाबी,
लाल,
सतरंगी,
इश्क ना जाने
कितने रंगों
का होता है.
हो रंग चाहे जितने भी
इश्क विश्क के
तय है, इंसान
नहीं देख पाता
इन्हें जब वो प्यार
में अंधा होता है.
सचमुच प्रेम की
दुनिया रंगीन होकर
भी रंगीनहीन सी
होती है.
शिल्पा रोंघे
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