Friday, December 28, 2018

प्रेरणा के दीप

सूख गए है मेरे रचना स्त्रोत.
 
कोरा रह गया पन्ना ज़िंदगी 
का मेरा.

स्याही तो है मगर अब वो 
सुनहरे विचार नहीं.

आ जाओ मेरे मन मंदिर 
में प्रेरणा के दीप जलाओ ना .

शिल्पा रोंघे 

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