Monday, December 31, 2018

2018 की अंतिम रात्रि और नवीन वर्ष की बढ़ता कदम

चंद्र की शुभ्र किरणें
ले रही विदा दुल्हन 
की तरह.

रात्री की डोली में
बैठकर उन्हें 
सूर्योदय के घर 
जाना है.

तम तो प्रकाश
तक जाने का प्रतिदिन 
का साधन है.

किंतु आज पिछले बरस को
सबको नवीन
वर्ष से मिलवाना
है.

शिल्पा रोंघे 

No comments:

Post a Comment

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।