एक लेखक की चाह -कविता
पाठक बनने की चाह है.
बनकर लेखक दुनिया के विविध रंग भरे, शब्दों
से बने चित्र में.
है अभिलाषा यह कि काश
कोई निकालकर थोड़ा समय
मेरे बारे में भी
लिखे.
पढ़ सकू वो किताब
केवल मैं ही कभी, काश ऐसा संयोग बने.
शिल्पा रोंघे
पाठक बनने की चाह है.
बनकर लेखक दुनिया के विविध रंग भरे, शब्दों
से बने चित्र में.
है अभिलाषा यह कि काश
कोई निकालकर थोड़ा समय
मेरे बारे में भी
लिखे.
पढ़ सकू वो किताब
केवल मैं ही कभी, काश ऐसा संयोग बने.
शिल्पा रोंघे
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