झुकते नहीं थे जो सिर
ठिगने से दरवाजे देखकर
भी.
झुककर करते है प्रवेश खुद
से कई गुना ऊंचे दरवाजे
देखकर भी.
चंद नोटो के लिए अपना
स्वाभिमान गिरवी ना रखो.
पुरुष तुम दहेज के हर सौदे
ठुकराओं और महिलाओं तुम
ऐसे रिश्तों का बेहिचक बहिष्कार करो.
लालच की नींव पर बनें हर रिश्ते
का तिरस्कार करो.
शिल्पा रोंघे
शिल्पा रोंघे
No comments:
Post a Comment