Wednesday, December 19, 2018

दहेज का तिरस्कार

झुकते नहीं थे जो सिर 
ठिगने से दरवाजे देखकर 
भी.
झुककर करते है प्रवेश खुद 
से कई गुना ऊंचे दरवाजे 
देखकर भी.

चंद नोटो के लिए अपना 
स्वाभिमान गिरवी ना रखो.
पुरुष तुम दहेज के हर सौदे 
ठुकराओं और महिलाओं तुम
ऐसे रिश्तों का बेहिचक बहिष्कार करो.
लालच की नींव पर बनें हर रिश्ते
का तिरस्कार करो.

शिल्पा रोंघे

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