Wednesday, December 12, 2018

अमर प्रेम

मिलन ही प्रेम की पूर्णता नहीं.

विरह भी प्रेम का रूप है.

राधा का ना हुआ मोहन कभी 

फिर भी राधा कृष्ण का 

लोग साथ जपते नाम है.

शिल्पा रोंघे 

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