साहिलों पर कसमें खाते है जो
हमेशा साथ रहने की वो ही
अक्सर छोड़ देते है साथ
मझधार में.
न डरना तुफ़ानों से ए मुसाफ़िर
वो ही तो अपनों और बेगानों
की पहचान कराते हैं.
शिल्पा रोंघे
हमेशा साथ रहने की वो ही
अक्सर छोड़ देते है साथ
मझधार में.
न डरना तुफ़ानों से ए मुसाफ़िर
वो ही तो अपनों और बेगानों
की पहचान कराते हैं.
शिल्पा रोंघे
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