वसंत पंचमी पर
सरसों सी पीली आभा है आभूषण में,
चंद्र सी चमक तुम्हारे वस्त्रों में,
श्वेत वस्त्रधारिणी
वीणावादिनी,
स्वर की देवी,
हाथों में वेद लिए,
ज्ञान की देवी,
हे मां शारदे
अंधकार को हरो
और प्रकाश को भरो
जीवन में.
हे मां सरस्वती
तुम खुद ही कभी शब्दों
की तो कभी स्वरों की प्रेरणा बनों.
शिल्पा रोंघे
सरसों सी पीली आभा है आभूषण में,
चंद्र सी चमक तुम्हारे वस्त्रों में,
श्वेत वस्त्रधारिणी
वीणावादिनी,
स्वर की देवी,
हाथों में वेद लिए,
ज्ञान की देवी,
हे मां शारदे
अंधकार को हरो
और प्रकाश को भरो
जीवन में.
हे मां सरस्वती
तुम खुद ही कभी शब्दों
की तो कभी स्वरों की प्रेरणा बनों.
शिल्पा रोंघे
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