दीपों का त्यौहार
दीपों की माला जगमगा रही है द्वार पर.
बिंदूओं से बनीं रंगोली सजी है द्वार पर.
फूलों और पत्तों के तोरण बंधे है द्वार पर.
ऐश्वर्य और सौभाग्य की देवी का होगा
आगमन हर घर पर.
होगा दूर अंधकार कुछ यूं मनेगा उजालेे
का पर्व दीवाली हमारे और तुम्हारें घर
पर.
शिल्पा रोंघे
दीपों की माला जगमगा रही है द्वार पर.
बिंदूओं से बनीं रंगोली सजी है द्वार पर.
फूलों और पत्तों के तोरण बंधे है द्वार पर.
ऐश्वर्य और सौभाग्य की देवी का होगा
आगमन हर घर पर.
होगा दूर अंधकार कुछ यूं मनेगा उजालेे
का पर्व दीवाली हमारे और तुम्हारें घर
पर.
शिल्पा रोंघे
No comments:
Post a Comment