दुआ में बस खुशी मांगना,
धर्म के अनुरूप कर्म
करते रहने से बहुत कुछ
पा जाता है इंसान बिना
मांगे ही.
कभी कभी उतना
जितना कि वो सोच भी
ना सके.
जिंदगी में नहीं मिलती कभी
कभी मनचाही चीज़े भी
क्योंकि वो हमारे लिए अच्छी नहीं हैं
होती .
शायद उपरवालें को हमारी असल
कीमत है पता होती.
मिले जब उसकी दुआओं
का प्रसाद तो बिन सोचे
ले लेना.
क्योंकि बार बार उपरवाले
के सब्र की परख करना
अच्छी बात नहीं.
शिल्पा रोंघे
धर्म के अनुरूप कर्म
करते रहने से बहुत कुछ
पा जाता है इंसान बिना
मांगे ही.
कभी कभी उतना
जितना कि वो सोच भी
ना सके.
जिंदगी में नहीं मिलती कभी
कभी मनचाही चीज़े भी
क्योंकि वो हमारे लिए अच्छी नहीं हैं
होती .
शायद उपरवालें को हमारी असल
कीमत है पता होती.
मिले जब उसकी दुआओं
का प्रसाद तो बिन सोचे
ले लेना.
क्योंकि बार बार उपरवाले
के सब्र की परख करना
अच्छी बात नहीं.
शिल्पा रोंघे
# गणेश चतुर्थी#
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