Wednesday, January 17, 2018

सच्ची मोहब्बत

ढूंढना है अगर इस दुनिया में तो 
सिर्फ सच्ची मोहब्बत ढूंढना,
क्योंकि तोहफ़े तो बाज़ारों 
में भी बिकते हैं.
बस ये मोहब्बत ही बिकती
नहीं बाज़ारों में, बसती है तो
सिर्फ दिलों में.
शिल्पा

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...