यूं तो हर साल ही चमकता है सूरज
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उन किरणों के लिए जो जरूरी है
फल के पकने और फूलों के खिलने के लिए.
उस हवा को जो यूं तो चलती है हर साल ही.
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उन सांसों के लिए जो जरूरी है
ज़िंदगी देने के लिए.
यूं तो दरिया हर साल है बहता.
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उस पानी के लिए जो जरूरी है प्यास बुझाने के लिए.
इस तरह तुम इस साल को और भी
बेहतर बना लेना.
शिल्पा रोंघे
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उन किरणों के लिए जो जरूरी है
फल के पकने और फूलों के खिलने के लिए.
उस हवा को जो यूं तो चलती है हर साल ही.
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उन सांसों के लिए जो जरूरी है
ज़िंदगी देने के लिए.
यूं तो दरिया हर साल है बहता.
लेकिन इस साल उसे धन्यवाद दे देना.
उस पानी के लिए जो जरूरी है प्यास बुझाने के लिए.
इस तरह तुम इस साल को और भी
बेहतर बना लेना.
शिल्पा रोंघे
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