बेेहिसाब है.
बेमियाद है.
बेलगाम है.
यादों पर ऐतबार क्यों करे भला कोई.
यादें कहां जानती है किसी को भूल जाना.
उनका तो काम ही है दिन का चैन
और रातों की नींद छीनना.
शिल्पा रोंघे
बेमियाद है.
बेलगाम है.
यादों पर ऐतबार क्यों करे भला कोई.
यादें कहां जानती है किसी को भूल जाना.
उनका तो काम ही है दिन का चैन
और रातों की नींद छीनना.
शिल्पा रोंघे
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