Thursday, June 2, 2016

लौटता है बचपन फिर इक बार

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बचपन बुढ़ापे में
फिर से लौट
के आता है 
तो जो
चीज़ फिर
लौट के
आनी है
उसे
छोड़ना
तो बहुत

नाइंसाफी है.
बचपन तो रो रो करभी जल्दी ही खिलखिलानें
लगता है.
एक बड़ा इंसान ही
तो होता है जो रूठ
जाता है तो मनाने में
इक अर्सा बीत जाता है.

Shilpa Ronghe 

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