जानकर अंजान बनना खूब आता है
तुम्हे.
मंजिल से पहले ही साथ छोड़ना
खूब सीखा है तुमने...
दिलबर से ज्यादा दिल
के सौदागर लगते हो
तुम.
जो है अनमोल उस प्यार को
नफ़ा और नुकसान में
तौलते हो तुम.
लत सी लग गई है
तुम्हारी जानते है
हम.
इसी खुशनसीबी में जी रहे
हो तुम .
और पल-पल
जल रहे हैं हम.
इस इकतरफा प्यार
की कैद से अब
रिहाई चाहते है
हम.
Shilpa Ronghe
तुम्हे.
मंजिल से पहले ही साथ छोड़ना
खूब सीखा है तुमने...
दिलबर से ज्यादा दिल
के सौदागर लगते हो
तुम.
जो है अनमोल उस प्यार को
नफ़ा और नुकसान में
तौलते हो तुम.
लत सी लग गई है
तुम्हारी जानते है
हम.
इसी खुशनसीबी में जी रहे
हो तुम .
और पल-पल
जल रहे हैं हम.
इस इकतरफा प्यार
की कैद से अब
रिहाई चाहते है
हम.
Shilpa Ronghe
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