जाने वाले तो चले जाते है
और यादें छोड़ जाते है
जिनका कोई करे भी तो क्या
जो कभी डायरी में सूखते गुलाब
तो कभी पुरानी
तस्वीर
तो कभी आसमान में टिमटिमाते
तारें
की तरह किसी बिछड़े के आसपास
होने का अहसास दिलाती है
जो ना उनसे मिलने के काम
आती है ना ही भूलने देती है
शिल्पा रोंघे
No comments:
Post a Comment