तन्हाई को हरदम गले से
लगाए रहते है
प्यार जो है तुम्हारे
लिए है उसे दिल में
छुपाए बैठे हैं
कुछ नम मोतियों
को आंखो से
गिरने से बचाए
रखे है
पता नहीं क्यों तुम्हारे
इंकार से डरते है
पाने की खुशी से ज्यादा
तुम्हें खोने
का गम होगा हमें
झुठी ही सही
तुम हो मेरे
इस खुशफ़हमी
में जीना चाहते हैं
शिल्पा रोंघे
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