Thursday, June 2, 2016

कविता- ऑनर किलिंग

Ceremony, Wedding, Marriage, Hand Painting, Woman


प्यार तो हुआ पर अधूरा ही रहा
मिली आंखें तो नज़रों
ने शायद कुछ
कबूल किया
नहीं मिले जिस्मों-जान
तो क्या हुआ
आखिर ये
दुनिया फ़ानी है
जन्नत में
जाकर
तो दो
रुह एक
हो जानी
है....
आज दुनियां
की आंखों में
पानी है
नई नहीं
सदियों
से चली
आ रही
ये कहानी
हैं
Shilpa Ronghe

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...